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System of wiring

दोस्तों वायरिंग को दो विधि के द्वारा किया जाता है

1. Tree System 

2.  Distribution System 

इन दो विधियों के द्वारा आप घर या  औद्योगिक मे वायरिंग कर सकते हैं 

1.  Tree System 

इस विधि में सप्लाई के मेन सर्किट को किसी सुविधा जनक युक्त स्थान से भिन्न स्थानों के लिए सप्लाई दी जाती है अर्थात एक मेन सर्किट से कई ब्रांच सर्किट निकाली जाती है 

पर इसके कुछ गुण है।      वायरिंग को स्थापित करने के लिए कम सप्लाई वाले स्थानों की आवश्यकता होती है और इसमे समय और लागत दोनों की बचत होती है

अवगुण यह है कि     इस प्रकार के विधि में फ्यूज अलग अलग स्थानों पर होता है  इसमें दोष ढूंढना कठिन होता है।    लोड के लिए भिन्न भिन्न बिंदुओं पर मिलने वाला वोल्टेज समान नही होता। और यह विधि देखने में सुंदर नहीं होता। 

2.  Distribution System 

इस विधि में सप्लाई को मेन सर्किट में दो या दो से अधिक डिस्ट्रीब्यूशन बाक्स में लाया है और पुनः बाहर में अलग अलग सर्किट एवं शाखाओं में बाट दिया जाता है  आजकल समान तौर पर इसी विधि का ज्यादा प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसमें प्रत्येक सर्किट को जाच एक दूसरे सर्किट के छेड़छाड़ किये बिना ही कर लिया जाता है 

पर इसके गुण यह है कि दोष ढूंढना बहुत सरल होता है  और सभी बिंदुओं पर मिलने वाली वोल्टेज समान होती है तथा इस सर्किट को ज्वाइंट लगाए आगे की तरफ बढाया जा सकता है 

अवगुण यह है कि इस विधि को स्थापित करने के लिए अधिक लम्बाई वाले केबल की जरूरत होती है और इसमे समय और लागत  दोनों अधिक लगता है।

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