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ट्रांसफार्मर कि संरचना

ट्रांसफार्मर की संरचना यानी ट्रांसफार्मर कि बनावट दोस्तो ट्रांसफार्मर की बनावट बहुत ही आसान है पर आप इसके बारे मे नही जानते है तो आपके लिए बहुत ही कठिन होगा। 

ट्रांसफार्मर मे दो प्रकार कि वाइण्डिंग स्थापित कि जाती है । पहला प्राइमरी वाइण्डिग जिसे दिया जाता है यानी आप इसमें आने वाली करंट (बिजली) या सप्लाई लाइन को जोड़ा जाता है। औऱ दुसरा है सेकण्डरी वाइण्डिंग जिस पे लोड दिया जाता है यानी उससे करंट प्राप्त करते है या जिसके द्वारा हमलोग विधूत शक्ति का उपयोग करते है। 

ट्रांसफार्मर का कार्य प्रणाली यह है कि जब ट्रांसफार्मर के प्राइमरी वाइण्डिंग  AC सप्लाई दिया जाता है तो (AC) प्रत्यावर्ती विधूत धारा बहने से प्राइमरी वाइण्डिंग के चारों ओर  AC magnet उत्पन्न होता है जो उसके समीप रखी सेकण्डरी वाइण्डिंग फैराडे के विधूत चुम्बकीय प्रेरण सिद्धांत के अनुरूप सेकण्डरी वाइण्डिंग मे भी विधूत वाहक बल पैदा हो जाता है इस प्रकार प्राइमरी तथा सेकण्डरी मे बिना किसी स्पर्श के ही विधूत उर्जा प्राइमरी वाइण्डिंग से सेकण्डरी वाइण्डिंग मे स्थानांतरित हो जाता है

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